Friday, February 10, 2012

शहरवाली शब्दों का वाक्यों में प्रयोग: मुर्शिदाबाद की बोली भाग ३


शहरवाली शब्दों का वाक्यों में प्रयोग: मुर्शिदाबाद की बोली के कुछ और उदाहरण 

शहरवाली  भाषा में कुछ बहुत ही मज़ेदार शब्द हैं जो अन्य स्थानों पर लगभग नहीं बोला जाता है. मैं यहाँ पर ऐसे कुछ शब्दों को वाक्यों में प्रयोग कर रहा हूँ और उनके अर्थ निकलने के लिए पाठकों को प्रेरित करता हूँ.

१. तरकारी एकदम झग्गा झोल कर दियो हो.

२. रमेश एकदम बाबल बिंडा हो गिया है. खाली इधर उधर घूरता रए. पता नई क्या घुरुर घुरुर करे. भुआमा उसको खूब बक्किन किन्तु उ तो कोइका धार इ नई धारे. रोज बकनी खाए तो भी कोई असर नई होए.

३. बेसी पक गियो हो.

४. आजकल का लड़काबाला लोग जो हुआ है न!

५. हम क्या तुमरे कुछ लगें नई?

६. तुम तो एक दम बिलल्ले हो गियो हो.   

७. उसको बुखार हुआ था तो कबराज जी को दिखाईस था.  

८ भोर से इ चारू तरफ पाका पाकी करे हे

९ न्हाने घर को एकदम गन्दा कर दिस है, गोट्टे दल जम गिया है



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शहरवाली शब्दों का वाक्य प्रयोग: मुर्शिदाबाद की बोली भाग २

शहरवाली शब्दों का वाक्य प्रयोग: मुर्शिदाबाद की बोली भाग १
 
शहरवाली शब्दकोश (शब्दावली) Murshidabad dictionary



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