Tuesday, November 2, 2010

मुर्शिदाबाद की विरासत बचाने का प्रयास: मुर्शिदाबाद हेरिटेज डेवलपमेंट सोसायटी


 मुर्शिदाबाद हेरिटेज डेवलपमेंट सोसायटी की स्थापना मुर्शिदाबाद की विरासत बचाने  का एक प्रयास है. प्राचीन काल में मुर्शिदाबाद का क्षेत्र गौड़ के नाम से जाना जाता था. औरंगजेब के सिपहसालार मुर्शीदकुली खान ने इसे बसाया एवं ढाका के स्थान पर सन १७०४ में इसे बंगाल, बिहार, एवं उडिस्सा की राजधानी बनाया. जब मुर्शीद कुली खान यहं आये तो उनके साथ उनके परम मित्र जगत सेठ मानकचंद गेलडा को भी साथ लाये. जैनों के उत्कर्ष का काल यहाँ पर तभी से शुरू हुआ.
यह नवाबों के शहर के नाम से भी जाना जाता रहा.

मुर्शीदकुली खान के बाद नवाब  अलीवर्दी खान, नवाब सुजाउद्दीन आदि ने नवाब की गद्दी संभाली. सिराज़ुद्दौला मुर्शिदाबाद के अंतिम स्वतंत्र नवाब हुए. मुर्शिदाबाद मुग़ल एवं ब्रिटिश शक्तियों के वीच युद्ध स्थल बना. पलाशी के युद्ध में सिराज़ुद्दौला के सेनापति मीर जाफर की गद्दारी के कारन उन्हें ईस्ट इंडिया कंपनी के क्लाइव लोयेड के हाथों पराजित होना पड़ायहीं से भारत में ब्रिटिश शासन की नींव पड़ी.      


 अंग्रेजों ने अपनी राजधानी मुर्शिदाबाद से बदल कर कलकत्ते को बना लिया लेकिन मुर्शिदाबाद की गरिमा फिर भी बनी रही. मुर्शिदाबाद अपनी कलाप्रियता के लिए जाना जाता रहा.


मुर्शिदाबाद के अजीमगंज एवं जिआगंज में रहने वाले जैन धर्मावालम्वी ओसवालों ने यहाँ की संस्कृति में रंग भरने में अपना विशिष्ट योगदान दिया. यहाँ के जैन धर्मावलाम्वी शहरवाली के नाम से प्रसिद्द हुए.यहाँ की कला, संस्कृति, स्थापत्य आदि की उन्नति में शहरवाली समाज का योगदान कल्पनातीत है.

शहरवाली समाज के लोग उच्च शिक्षित, राईसधनवान होने के साथ ही धर्मात्मा भी थे. अनेकों जिन मंदिर एवं दादाबाड़ी उनकी धर्मं परायणता का उदहारण है. शहरवाली समाज द्वारा स्थापित अनेक विद्यालय, महाविद्यालय जहाँ उनकी शिक्षा एवं ज्ञान के प्रति रूचि दर्शाती है वहीँ उन लोगों के द्वारा स्थापित चिकित्सालय उनकी परोपकारिता को.

यहाँ के जैन मंदिर एवं कोठियां शहरवाली समाज के अतीत गौरव की याद दिलाती है. यह एक धर्मं प्राण समाज है एवं अनेक दीक्षाएं इस बात कीगवाह है. अजीमगंज व जियागंज से अनेक साधू - साध्वियां भी हुई हैं.
शहरवाली पोषाक  की अपनी अलग विशेषता है.  अजीमगंज शहरवाली साथ का खानाभी अपनी विशिष्टताओं से भरपूर है. इनकी विविधता भी निराली है. शहरवाली समाज के रीती रिवाजों में भी यहं की माती की सुगंध है.
क्रमशः.........
 अजीमगंज श्री नेमी नाथ स्वामी स्तवन

Launching Murshidabad Heritage Development Society

Images Murshidabad Heritage Development Society

With regards,
Jyoti Kothari
(N.B. Jyoti Kothari is proprietor of Vardhaman Gems, Jaipur, representing Centuries Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is a Non-resident Azimganjite.)
 Vardhaman Infotech
A leading IT company in Jaipur
Rajasthan, India
E-mail: info@vardhamaninfotech.com

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1 comment:

  1. Good post, pls continue with more history of Azimganj - Jiaganj

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